मंगलवार, 25 अगस्त 2009

गायों की दुर्दशा से आहत हिन्दू सुरक्छा समिती

मथुरा। कोसीकलां राष्ट्रीय राजमार्ग पर आवारा घूम रही गाय आए दिन वाहनों से टकरा कर घायल हो रही है। गायों की इस दुर्दशा से स्थानीय नागरिक आहत हैं। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बठैन गेट से लेकर कोसी रेस्टोरेंट के बीच दिन भर आवारा गाय घूमती रहती हैं। अक्सर ये आवारा गाय किसी न किसी वाहन की चपेट में आकर आए दिन घायल हो रही हैं। कई गाय तो वाहनों की चपेट में आकर काल का शिकार बन गई। शाम को गायों का झुण्ड शक्ति नगर कालोनी के आसपास घूमता रहता है। लेकिन गायों की इस दुर्दशा की तरफ प्रशासनिक स्तर पर कोई कदम नहीं उठाए जा रहा है। बताया गया है कि इन आवारा गायों में तमाम ऐसी गाय हैं, जिनको लोगों ने दूध दिया तब तक पाला और दूध देना बंद कर दिया तो छोड़ दिया। गाय के प्रति श्रद्धा रखने वालों का कहना है कि ब्रज में गायों की दुर्दशा को लेकर उनकी धार्मिक भावनाएं आहत हो रही हैं। यदि गायों की दुर्दशा होती रही तो वह दिन दूर नहीं जब गाय ब्रज से विलुप्त हो जायेंगी। वहीं दूसरी 24 घंटे राष्ट्रीय राजमार्ग की निगरानी रखने वाले राजमार्ग प्राधिकरण कर्मी भी इस ओर ध्यान न दिये जाने से स्थानीय बाशिंदों में आक्रोश फैल रहा है।

भाजपा में टूट से राजग में फूट का खतरा



लगता है भाजपा में अंदरूनी कलह का असर राजग पर भी पड़ने लगा है। गठबंधन पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हरियाणा में ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इंडियन नेशनल लोक दल [इनेलोद] से पार्टी का गठबंधन लगभग टूट ही गया है। अकाली दल, जद-यू, शिवसेना गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने भी तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। हालात ऐसे हैं कि अजित सिंह का राष्ट्रीय लोकदल गठबंधन के बाहर की सहयोगी असम गण परिषद भी नए रास्ते तलाश सकते हैं। भाजपा की मुसीबत यह है कि वह सहयोगियों को साधे या फिर अपने घर में हो रहे धमाकों को रोके।
वरिष्ठ नेता जसवंत सिंह के निष्कासन, सुधींद्र कुलकर्णी के भाजपा से नाता तोड़ने और अब अरुण शौरी की बगावत का असर यह हुआ कि राजग में उसके कनिष्ठ सहयोगी भी भाजपा को आंखे दिखाने लगे हैं। जसवंत ंिसंह की जिन्ना पर लिखी किताब पर प्रतिबंध लगाने की भाजपा की इच्छा को उसके सहयोगी दलों ने नकार दिया है। जद-यू अकाली दल ने दो टूक कहा है कि वे जिन्ना पर लिखी किताब पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में नहीं हैं। इन दोनों दलों की भाजपा के साथ बिहार पंजाब में गठबंधन सरकारें हैं।
हरियाणा में तो भाजपा की मुसीबत बढ़ ही गई है। राज्य में अक्टूबर में विधानसभा चुनाव होने हैं और उसके पुराने आजमाए हुए सहयोगी ओमप्रकाश चौटाला के नेतृत्व वाले इनेलोद के साथ सीटों का तालमेल गड़बड़ा गया है। नाराज भाजपा ने गठबंधन तोड़ने का एकतरफा ऐलान भी कर दिया है। हालांकि चौटाला गठबंधन को बचाने की कोशिश कर रहे हैं।
महाराष्ट्र में भी मौके का फायदा उठाते हुए शिवसेना ने भाजपा पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। उसने राज्य विधानसभा चुनाव के दौरान संयुक्त प्रचार अभियान के लिए नई शर्त जोड़ दी है। दोनों दलों ने तय किया था कि राज्य में सभी प्रचार वाहनों पोस्टरों पर शिवसेना प्रमुख बाल ठाकरे भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी के फोटो होंगे। अब शिवसेना चाहती है कि इन दो नेताओं के साथ तीसरा फोटो उसके कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे का भी होना चाहिए।
लोकसभा चुनाव में साथ आए गोरखा जन मुक्ति मोर्चा ने भाजपा से जसवंत सिंह को बाहर किए जाने के बाद पूछा है कि उनकी गोरखालैंड की मांग अब कौन उठाएगा? अपने घमासान में उलझी भाजपा के पास इस समय इसका जवाब देने की फुर्सत नहीं है।

सोमवार, 24 अगस्त 2009

अब सुदर्शन ने दिखाया जिन्ना प्रेम

इंदौर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व प्रमुख केएस सुदर्शन ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना पर संघ परिवार में जारी बहस को और गर्म कर दिया है।
उन्होंने इतिहास के पन्ने उलटते हुए कहा है कि जिन्ना कभी राष्ट्र [अविभाजित भारत] के लिए पूरी तरह समर्पित थे। इंदौर में सोमवार रात एक कार्यक्रम के बाद मीडिया ने पूर्व संघ प्रमुख से जिन्ना की तथाकथित धर्मनिरपेक्षता को लेकर सवाल किया था।
इस सवाल पर उन्होंने कहा, 'देखिए, जिन्ना के अनेक रूप हुए हैं। आप इतिहास अगर ठीक तरह से पढें़ तो पता चलता है कि वह कभी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के साथ थे और पूर्णत: राष्ट्र के प्रति समर्पित थे।' सुदर्शन ने बताया कि किस तरह जिन्ना का तत्कालीन हालात से मोहभंग हुआ और 'वह फिर काबू में नहीं आ सके।'
पूर्व संघ प्रमुख के मुताबिक, खिलाफत आंदोलन 1919-1924 से जुड़ने के संबंध में राष्ट्रपिता मोहनदास करमचंद गांधी का मकसद था कि इससे अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनरत मुसलमानों को मदद मिलेगी और देश का स्वतंत्रता संग्राम भी मजबूत होगा।
उन्होंने कहा कि '..लेकिन जिन्ना ने खिलाफत आंदोलन का यह कहकर विरोध किया था कि तुर्की के खलीफा को किसी ने गद्दी से उतार दिया तो इससे भारत के मुसलमानों का क्या लेना-देना है। पर जिन्ना की यह बात मानी नहीं गई थी।' पूर्व संघ प्रमुख के मुताबिक, अपनी इस अनसुनी से जिन्ना बहुत दु:खी हो गए थे और कांग्रेस छोड़कर इंग्लैंड चले गए थे।
सुदर्शन ने कहा कि जब जिन्ना वर्ष 1927 में भारत लौटे तो फिरंगियों ने उन्हें देश के विभाजन का पाठ पढ़ाना शुरू कर दिया था। उन्होंने कहा कि 'गांधीजी का कहना था कि उनके जीते जी देश के टुकड़े नहीं हो सकते। लेकिन वह अपनी इस बात पर दृढ़ नहीं रह सके, क्योंकि जवाहरलाल नेहरू उनकी कमजोरी थे।'
सुदर्शन ने एक किस्सा सुनाते हुए बताया कि जिन्ना एक 'स्वाभिमानी' व्यक्ति थे।

शनिवार, 22 अगस्त 2009

member of the Akhil Bharatiya Hindu Suraksha Samiti

Amritsar, March 22A member of the Akhil Bharatiya Hindu Suraksha Samiti was arrested while three were rounded up for questioning in connection with the desecration of a religious place yesterday in the Hall Bazar area. The police has identified all miscreants involved in the incident. Sahil Sharma of Bhadarkali has been arrested while the others are Harish Sharma, Vikas Anand both of Gurbaksh Nagar, Vijay Nagar, Tejinder Kumar, Sahib Dhir and Lada, both residents of Gate Hakima.
Another accused in the incident, Vikas Anand, surrendered to the police.
However, the DGP, Mr Sarabjit Singh, said at a press conference at Phillaur today that three of the seven accused in the sacrilege at Amritsar had been arrested.
Those arrested today included Sahil Sharma. All three belong to Amritsar.
The DGP disclosed that it was established during the preliminary investigation that Sanjiv Bharadwaj, the Patiala-based state president of the samiti, was coordinating all activities.
He said the police was likely to nab Sanjiv Bharadwaj soon. He said the police was also on the look out for Rajiv Tandon of Ludhiana as there were apprehensions that similar incidents might take place in Ludhiana also.
Meanwhile all Hindu, Sikh and other organisations severely condemned the incident. Mr Gurcharan Singh Tohra, President of SHSAD, while talking to The Tribune said the real faces behind the incident should be exposed. “The incident, which took place in broad daylight, had put a question mark on the state of affairs under the Badal government, he said. He further said all sections of the IPC under which the accused had been booked were bailable offences, hence they were a mere “eyewash”. Exemplary punishment for the offence was necessitated in the case of such serious nature, he added.
Mr Simranjit Singh Mann said he was going to Amritsar to take stock of the situation arising out of the unsavoury incident. In a prominent gesture the Rashtriya Swayamsevak Sangh in a condemnation note said the act by the Hindu Suraksha Samiti was against the Hindu tradition. Mr Brij Bhushan Bedi, president of the state unit of the RSS, said the act smelled of anti-nationalism.
The Dal Khalsa, a radical Sikh organisation, called for declaring the newly formed Hindu organisation a terrorist outfit and sought the arrest of its office-bearers and members.
The Congress, the CPI, the CPM and the Bahujan Samajwadi Party at a joint meeting objected to the incident aimed at undoing the hard won peace of the state.

समिति की कार्य कारणी/////

 समिति प्रमुख                                        श्री संजीव दास जी हरी (पटियाला ) पंजाब

 प्रचार मंत्री                                              श्री कुशविन्दर सिंह जी (पटियाला ) पंजाब


 युवा मंडल रास्ट्रीय सचिव                      श्री ठा. राज प्रताप सिंह (अखंड भारत )         

 मंडल प्रभारी                                          श्री अरिविंद सिंह भदौरिया (आगरा मथुरा मंडल ) उत्तर प्रदेश


 उप जिला प्रमुख                                      डॉ अरुण कुमार ( विरंदावन मथुरा ) उत्तर प्रदेश

संस्था के उद्येश/////////////////

(१) हिन्दुस्तान को हिन्दू राष्ट्र घोषित करना /
(२) गरीब और असहाय छोटी जातियों के धर्मांतरण को रोक लगाना /
(३) पवित्र हिन्दू धर्म स्थानों को सरकार से समिति मुक्त कराएगी /
(४) हिन्दू संस्कृति के देवी - देवता या हिन्दू राज्य समाज के नाम पर धर्साए जाने वाले ग़लत सीरियल एवं
ग़लत चित्रों के ख़िलाफ़ जनगत बनकर आंदोलन करके समाज को सुधरेगी /
(५) हर प्रकार के आतंक बाद के खिलाफ संघर्ष करेगी /
(६) समिति का किसी भी राजनेतिक पार्टी कोई सम्बन्ध नही है /
(७) समिति सामाजिक बुरइयो के ख़िलाफ़ संघर्ष करेगी /